उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण – Bihar Board Class 10th Social Science Question-answer 2023

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. उपभोक्ता कौन हैं ? संक्षेप में बताएँ | 

उत्तर – वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रेताओं को उपभोक्ता की संज्ञा दी जाती है | दुसरे शब्दों में, उन व्यक्तियों को उपभोक्ता कहते हैं जो अपनी अवाश्यकता-पूर्ति के लिए वस्तुओं या सेवाओं को खरीदते हैं | 

2.  उपभोक्ता जागरूकता क्यों आवश्यक है ?  

उत्तर – अपने अधिकारों के प्रति जागरुक नहीं होने के कारण उपभोक्ता प्रायः शोषण के को बेची गई वस्तुओं की गुणवता, मात्रा, शुद्धता, मूल्य आदि से संबंधित अनुचित व्यापारिक व्यवहार है | 

3. बाजार में उपभोक्ता के कुछ कर्तव्यों का वर्णन करें | 

उत्तर – बाजार में एक उपभोक्ता को निम्नलिखित कर्तव्यों को ध्यान में रखना आवश्यक है | 

  1. उपभोक्ताओं को क्रय-विक्रय की जानेवाली वस्तुओं के व्यवसायिक पक्षों के साथ ही सुरक्षा एवं स्वास्थ्य आदि पर उनके प्रभावों की जानकारी होनी चाहिए | 
  2. जहाँ कहीं भी संभव हो खरीदे गए समान या सेवा की रसीद अवश्य लेनी चाहिए | 
  3. अनेक स्थानों पर अथवा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उपभोक्ता संघों की स्थापना की गई है | उपभोक्ताओं को उनके कार्यकलाप में रूचि लेनी चाहिए | 
  4. उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर उनका प्रयोग भी करना चाहिए | 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

1. ‘मानवाधिकार’ के महत्त्व पर एक लेख लिखें | 

उत्तर – मानवाधिकार का संबंध किसी देश के नहारिकों के मूलभूत अधिकारों से है | इनकी सुरक्षा के लिए हमारे देश के समान ही हमारे देश में ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग’ की स्थापना की गई है | अन्य विकासशील देशों के समान ही हमारे देश के सभी नागरिकों को समान सुविधा तथा समान अवसर का अधिकार प्रदान करता है | परंतु, आवश्यक कानून होने पर भी वे समान सुविधा तथा समान अवसर से वंचित हो जाते हैं | अतएव, हमारे समाज में बेसहारा और कमजोर वर्ग  के मौलिक अधिकारों की प्रभावपूर्ण सुरक्षा के लिए इस प्रकार के एक आयोग का गठन करना आवश्यक तहद | 

         हमारे संविधान में सात मौलिक आधिकार दिए गए है जिनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार तथा आर्थिक शोषण से संरक्षण के अधिकार शामिल हैं | इन है | इस आयोग का महत्त्व इस कारण और बढ़ जाता है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन होने पर यह स्वयं भी संज्ञान ले सकता है | उदाहरन के लिए, बिहार मानवाधिकार आयोग ने पिछले लगभग एक वर्ष में भूख सेड मौत, सामाजिक सुरक्षा नियमों की अवहेलना तथा निर्धनता निवारण योजनाओं के कार्यान्वयन जैसे मामलों में स्वत: संज्ञान लेकर प्रभावी हस्तक्षेप किया है | 

 

 

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