ऊर्जा के स्रोत | Source of Energy – Bihar Board Class 10th Science Subjective 2023

लघु उत्तरीय प्रश्न 

      1. ऊर्जा का अच्छा स्रोत क्या है ? 

उत्तर – ऊर्जा का अच्छा स्रोत वह है जो – 

  1. प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान अधिक कार्य करें | 
  2. सरलता से सुलभ हो सके | 
  3. भण्डारण तथा परिवहन आसान हो 
  4. यह सस्ता भी है | 

   2. अच्छा ईंधन क्या है ? 

उत्तर – वैसा ईंधन जो जलने पर अधिक ऊष्मा प्रदान करे तथा प्रदुषण कम उतपन्न करे अच्छा ईंधन है | अच्छे ईंधन के निमं गुण हैं – 

  1. जो जलने पर अधिक उष्मा निर्मुक्त करे | 
  2. जो आसानी से उपलब्ध हो |   
  3. जो अधिक धुआँ उत्पन्न न करे | 
  4. जिसका भण्डारण और परिवहन आसान हो | 
  5. जिसके दहन की दर माध्यम हो | 
  6. जिसके जलने पर विषैले उत्पाद पैदा न हों | 

 इस तरह उपर्युक्त गुण रखने वाले पदार्थ को अच्छा ईंधन कहते हैं | 

   3. जीवाश्म ईंधन क्या है ? उदहारण सहित लिखें | 

उत्तर – पृथ्वी की सतह में गहरे दबे हुए पौधे और पशुओं के अवशेषों द्वारा बनाये गए ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहते हैं | 

    उदहारण – कोयला ( Coal ) , पेट्रोलियम ( Petroleum ) तथा प्राकृतिक गैस ( Natural Gas ) जीवाश्म ईंधन ऊर्जायुक्त कार्बन यौगिक के अणु है | 

4. भूऊष्मीय ऊर्जा क्या है ? 

उत्तर – पृथ्वी इए अंदर दबावकारी शक्तियाँ कार्य करती हैं जिस कारन चट्टानें पिघल जाती हैं और गहरे गर्म क्षेत्र का निर्माण हो जाता है | भूमिगत जल क्षेत्र के संपर्क में आता है तो बड़ी मात्रा में गर्म भाप उत्पन्न होता है | कभी – कभी इस क्षेत्र से गर्म पानी एवं भाप बहार झरने के रूप में निकलते हैं | चट्टानों में कैसी भाप पाइप से होकर टरबाइन तक भेज दी जाती है तथा विधुत का उत्पादन किया जाता है | इस प्रकार पृथ्वी के भू – गर्भ से निकले गर्म भाप एवं पानी का जो ऊर्जा प्राप्त होता है उसे भू – ऊष्मीय ऊर्जा कहते हैं | 

       5. जल विधुत संयंत्र की संक्षेप में वर्णन करें | 

उत्तर – जल विधुत उत्पन्न करने के लिए नादियों के बहाव को रोककर बड़े जलाशयों में जल एकत्र करने के लिए उँचे – उँचे बांध बनाए जाते हैं | इन जलाशयों में जल संचित होता रहता है जिसके फलस्वरूप इनमें भरे जल का तल उँचा हो जाता है | बांध के ऊपरी भाग में पाइपों द्वारा जल , बांध के आधार के पास स्थापित टरबाइन के ब्लेडों पर मुक्त रूप से गिरता है फलस्वरूप टरबाइन के ब्लेड घूर्णन गति करते हैं और जनित्र द्वारा विधुत उत्पादन होता है |  

        6. नविकरणीय ऊर्जा स्रोत से क्या समझते हैं ? 

उत्तर – नविकरणीय ऊर्जा स्रोत वे हैं जो कभी समाप्त होनेवाले नहीं हैं और जिनसे हम बार – बार ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं | जैसे – सूर्य , पवन इत्यादि 

           7. अनविकरणीय ऊर्जा स्रोत से क्या समझते हैं ? 

उत्तर – अनविकरणीय  ऊर्जा स्रोत वे स्रोत हैं जो समाप्त होनेवाले हैं और जिनसे हम बार – बार ऊर्जा प्राप्त नहीं कर सकते हैं | जैसे – कोयला , पेट्रोलियम इत्यादि |    

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

     1. ऊर्जा जो महासागरों से प्राप्त की जा सकती है , की सीमाएँ , ( Limitations ) क्या हैं ? 

उत्तर – महासागरों से अपार ऊर्जा की प्राप्ति हो सकती है लेकिन सदा ऐसा संभव नहीं हो सकता क्योंकि महासागरों से ऊर्जा रुपंतार्ण की तीन विधियों – ज्वारीय ऊर्जा , तरंग ऊर्जा और सागरीय तापीय ऊर्जा की अपनी – अपनी सीमाएँ हैं | 

      i. ज्वारीय ऊर्जा – ज्वारीय ऊर्जा का दोहन सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बांध बना कर किया जाता है | बांध की द्वार पर स्थापित टरबाइन ज्वारीय ऊर्जा को विधुत में रूपांतरित कर देता है | सागर के संकीर्ण क्षेत्र पर बांध निर्मित करने योग्य उचित स्थितियाँ सरलता से उपलब्ध नहीं होती | 

    ii. तरंग ऊर्जा – तरंग ऊर्जा का व्यवहारिक उपयोग केवल वहीं हो सकता है जहाँ तरंगें अति प्रबल हों | विश्वभर में ऐसे स्थान बहुत कम हैं जहाँ सागर के तटो पर तरंगे इतनी प्रबलता से टकराती हैं कि उनकी ऊर्जा को विथुत ऊर्जा में रूपांतरित किया जा सके | 

   iii. सागरीय तापीय ऊर्जा – सागरीय तापीय ऊर्जा की प्राप्ति के लिए संयंत्र ( OTEC ) तभी कार्य कर सकता है | तब महासागर के पृष्ट पर जल का ताप तथा 2 कि. मी. तक की गहराई पर जल के ताप में 20°C का अंतर हो इस प्रकार विधुत ऊर्जा प्राप्त हो सकती है पर यह प्रणाली बहुत महँगी है |  

       2. नाभिकीय ऊर्जा के क्या लाभ हैं ? 

उत्तर – नाभिकीय ऊर्जा के निम्नलिखित लाभ हैं – 

  1. नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग भाप बनाकर विधुत उत्पन्न करने में किया जाता है | 
  2. बड़ी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है | 
  3. ऊर्जा के साथ त्वरित होने वाले कणों के प्रयोग से बड़ी संख्या में शोध किये जाते हैं | 
  4. कम खर्च में अत्यधिक ऊर्जा उपलब्ध | 
  5. अवशिष्ट पदार्थो का पुन: इस्तेमाल संभव | 

       3. सौर कुकर के उपयोग के लाभ और अलाभ ( हानि ) क्या हैं ? क्या ऐसे स्थान हैं जहाँ सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता होगी ?                

उत्तर – सौर कुकर के उपयोग के लाभ – 

  1. यह बिना प्रदुषण किए भोजन पकाने में सहायक है | 
  2. सौर कुकर का उपयोग सस्ता भी है क्योंकि सौर ऊर्जा के उपायों का मूल्य नहीं चुकाना पड़ता है |
  3. सौर कुकर का रख – रखाव आसान होता है | इसमें किसे प्रकार के खतरे की संभावना नहीं होती है | 

  सौर कुकर के उपयोग के हानि – 

  1. रात में और बादल वाले दिनों में सौर कुकर को उपयोग नहीं किया जा सकता है | 
  2. यह भोंजन पकाने में अधिक समय लेता है | 
  3. सभी स्थानों पर हर समय सूर्य की रोशनी उपलब्ध नहीं होती | 
  4. इसका उपयोग शीघ्रता से खाना बनाने में नहीं किया जा सकता | 

         4. पवन ऊर्जा क्या है ? इसके उपयोग एवं सीमाएँ को लिखें | 

उत्तर – वायु की गति के कारण अर्जित उसकी गतिज ऊर्जा है | 

उपयोग – 

  1. पालवाली नाव को चलाने में , 
  2. भूसे  एवं अनाज के दानों को अलग – अलग करने में , 
  3.  वयुयानों एवं ग्लाइडरों की उड़ान में , 
  4. पवन चक्की में |  

 सीमाएँ – 

  1. पवन ऊर्जा सालोंभर हर स्थान में उचित मात्रा में संभव नहीं है , 
  2. इसका उपयोग हर जगह हर समय नहीं कर सकते हैं |            

5. पशु – गोवर और जीव – अपशिष्ट से वायोगैस प्राप्त करने के क्या लाभ हैं ? 

उत्तर – पशु – गोबर और जीव – अपशिष्ट से बायोगैस प्राप्त करने के निम्नलिखित लाभ हैं | 

  1.  बायोगैस ऐसा ईंधन है जो बिना धुआँ उत्पन्न किए जलता है |
  2. यह राख (ash) ,अवशेष के रूप में नहीं छोरता है |
  3. इसका उपयोग बत्ती जलाने (lighting) के लिए किया जा सकता है |
  4. पाचित्र में बचा गारा (slurry) उत्तम के रूप में उपयोग में लाया जाता है | 

        6. उत्तम ईंधन की क्या विशेषताएँ हैं ? 

उत्तर – उत्तम ईंधन की विशेषताएँ निम्निलिखित हैं | 

  1.  जिससे प्रति एकांक द्रव्यमान या प्रति अकांक आयतन अधिक परिमाण में ऊर्जा मिले |
  2. जो आसानी से उपलब्ध हो |
  3. जिसका भंडारण और परिवहन आसान हो |
  4. जिसके जलने पर विषैले उत्पाद उत्पन्न न हो |
  5. जो अधिक धुआँ उत्पन्न नहीं करे |

 

 

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