कार्य , ऊर्जा और शक्ति | Work , energy and power | Class 9th Physics | Chapter 5 |Hindi Medium

कार्य ( Work )– यदि किसी वस्तु पर बल लगे और वस्तु विस्थापित हो , तो कहते है की बल द्वारा कार्य किया गया | या बल और बल की दिशा में तय की दूरी के गुणनफल को बल के द्वारा किया गया कार्य कहा जाता है |   

                                              W =F  ×  s 

                                      जहाँ , W = कार्य  

                                                  F = बल 

                                                  S = तय की दूरी   

   

1.कार्य का SI मात्रक न्यूटन मीटर ( Nm ) या जूल ( J ) होता है | 

2. कार्य धनात्मक , ऋणात्मक या शून्य हो सकता है   

( a ) धनात्मक कार्य – यदि किसी वस्तु पर बल लगे और वह वस्तु बल के दिशा में विस्थावित हो , तो कार्य धनात्मक होगा | 

      W = F  ×   s

( b ) ऋणात्मक कार्य – जब किसी वास्तु का विस्थापन बल के विपरीत दिशा में होता है , तब कार्य ऋणात्मक होता है |  

           W = –F  ×  s

( c ) शून्य कार्य – जब किसी वस्तु पर लम्बवत बल लगे , तो कार्य 0 होता है | 

          W = 0 

कार्य के लिए व्यापक सूत्र – यदि किसी वस्तु को डोरी से बाँधकर खीचा जाता है | तथा डोरी तल के साथ θ कोण पर झुकी हो | डोरी द्वारा वस्तु पर लगा बल F और वस्तु का विस्थापन s हो , तो 

   W = F s Cos θ 

Cos 0 = 1                                                      Cos 30 ° =  √3⁄2                                                Cos 90 °= 0

Cos 45 ° =1/√2                                           Cos 60 °= 1/2                                   

ऊर्जा ( Energy )– कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते है | 

ऊर्जा एक अदिश राशि है | ऊर्जा का SI मात्रक जूल ( j ) होता है | 

ऊर्जा में विभिन्न प्रकार – 

  1. गतिज ऊर्जा ( Kinetic energy )– किसी वस्तु को उसकी गति के कारण कार्य करने की जो क्षमता होती है उसे उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते है | 

    गतिज ऊर्जा को से दर्शाया जाता है |

गति के तृतीय समीकरण से⇒  

त्वरण बल के दिशा में होगा | 

                                                                                                                                                                जहाँ  ,m = द्रव्यमान   ,V = प्रारंभिक वेग 

स्थितिज ऊर्जा ( Potential energy )– किसी वस्तु को उसकी स्थिति या आकृति में परिवर्तन के कारन जो कार्य करने की क्षमता होती है उसे उस वस्तु की स्थितिज  ऊर्जा कहते है |

स्थितिज ऊर्जा को Ep से सूचित किया जाता है | 

Ep = mgh ,

                   जहाँ m = द्रव्यमान 

                         g = गुरुत्व त्वरण 

                         h = उँचाई 

यांत्रिक ऊर्जा ( Mechanical energy )– गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा के योग को यांत्रिक ऊर्जा कहते है | 

इसे से दर्शाया जाता है | 

ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत – ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट किन्तु एक रूप से दुसरे रूप में उसका रूपांतरण हो सकता है | 

शक्ति ( Power )– प्रति इकाई समय के लिए गए कार्य को शक्ति कहते है |

शक्ति का SI मात्रक वाट ( W ) या  J ⁄ S होता है | 

1 kW = 1000 W 

1 hp = 746 W    , hp = अश्वशक्ति ( Horsepower ) 

ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक – ऊर्जा का व्यवसायिक मात्रक किलों वाट घंटा होता है , जो 1 यूनिट के बराबर होता है |

 

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