गुरूत्वाकर्षण | Gravitation | Class 9th Physics | Chapter 4 | Hindi Medium

इटली के वैज्ञानिक गैलीलियों गैलिली ने पृथ्वी की और स्वतंत्र रूप से गिरती हुई वस्तुओं की गति का विस्तृत अध्ययन किया और उससे यह साबित हुआ की 

  1. पृथ्वी की ओर गिरती हुई वस्तु का त्वरण उसके द्रव्यमान से स्वतंत्र होता है |
  2. निर्वात में सभी वस्तुएँ समान त्वरण से गिरती है |

 मुक्त पतन ( Free fall )– किसी माध्यम के प्रतिरोध की अनुपस्थितति में वस्तुओं के गिरने की गति को मुक्त पतन कहते है | 

गुरुत्वाकर्षण बल ( Gravitational forces )- 1667 में न्यूटन ने यह बताया की ब्रह्माण्ड में प्रत्येक वास्तु एक दुसरे की एक बल द्वारा आकर्षित करती है | उसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते है |

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम – ब्रह्मांड में एक कण प्रत्येक दुसरे कण को एक बल से आकर्षित करना है, जिसका परिमाप 

  1. कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है |
  2. उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है | 

जहाँ G एक नियतांक   है, जिसे गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहा जाता है | 

गुरुत्वाकर्षण त्वरण ( Force of gravity )– स्वतंत्रतापूर्वक गिरते हुए किसीवस्तु पर गुरुत्व बल के कारण जो त्वरण उत्पन्न होता है, उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते है | इसे संकेत g के व्यक्त किया जाता है | 

नोट – यदि दो वस्तुओं में एक वास्तु पृथ्वी हो तो उनके बीच लगनेवाले गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व – बल कहा जाता है | 

G तथा g में संबंध – 

पृथ्वी का द्रव्यमान = M , वस्तु का द्रव्यमान = m , पृथ्वी की त्रिज्या =r 

न्युटन के द्वितीय गति नियम से,

गुरुत्वीय त्वरण निंनलिखित पर निर्भर करते है – 

  1. उँचाई का प्रभाव – उँचाई बढ़ने के गुरुत्व त्वरण घटता है | 
  2. पृथ्वी के आकर का प्रभाव– पृथ्वी की सतह के निचे जाने पर गुरुत्व त्वरण का मान घटता है | 
  3. पृथ्वी के सतह पर – पृथ्वी की सतह पर अलग-अलग स्थानों पर गुरुत्व त्वरण अलग-अलग होता है |  

गुरुत्व के अधीन मुक्त उर्ध्वाधर गति –

नोट – 

  1. यदि कोई कम विराम से गति की अवस्था में जाता है, तो प्रारंभिक वेग , u = 0 होगा | 
  2. यदि कोई गतिमान कण में आ जाए तो अंतिम वेग, v = 0 होगा | 
  3. यदि वस्तु ऊपर की ओर फेका जाता है, तो गुरुत्व त्वरण ,  लिया जाता है |                                
  4. यदि वस्तु ऊपर से निचे की ओर आती है, तो गुरुत्व त्वरण,  लिया जाता है |                              
  5. यदि कोई वस्तु महत्तम उंचाई तक पहुँचे तो अंतीम वेग, v=0 होता है | या वस्तु ऊपर की ओर फेकी जाए तो अंतीम वेग, v= 0 होता है |
  6. यदि कोई वस्तु ऊपर से निचे की ओर गिरे तो प्रारंभिक वेग , u= 0 होता है | 

भार  ( Weight )– किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान तथा गुरुत्व त्वरण गुणनफल के बराबर होता है | 

या, किसी संतुलित वस्तु का भार परिमाण में पृथ्वी द्वारा उसपर लगाए गए गुरुत्व बल के बराबर होता है 

भार  का SI मात्रक न्यूटन ( N ) होता है | 

नोट- भार एक प्रकार का बल होता है |

वस्तु का चंद्रमा पर भार 

माना  किसी वस्तु का पृथ्वी पर द्रव्यमान m, पृथ्वी का द्रव्यमान, M =  और पृथ्वी की त्रिज्या r =

         द्रव्यमान अपरिवर्तित होता है | 

∴ चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = m 

चंद्रमा का द्रव्यमान, , चंद्रमा की त्रिज्या,

समीकरण ( 1 ) में समीकरण ( 2 ) से भाग देने पर, 

चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार =    × उसी वस्तु के पृथ्वी पर भार 

दाब  ( Pressure )– प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगनेवाले बल को दाब कहते है | 

दाब का SI मात्रक =   या पास्कल ( Pa ) होता है | 

घनत्व ( Density )– किसी पदार्थ के एकांक आयतन में पदार्थ का जो परिमाण होता है, उसे पदार्थ का घनत्व कहते है | 

घनत्व का SI मात्रक     होता है | 

प्रणोद ( Thrust )– किसी सतह के लम्बवत लगे हुए बल को प्रणोद कहते है | 

 प्रणोद का SI मात्रक न्यूटन ( N ) होता है |  

 द्रवों में दाब – किसी बर्तन में रखा द्रव उस बर्तन का रूप धारण कर लेता है और दाब निंनलिखित प्रकार से डालता है | 

  1. द्रव जिस बरतन में रखा जाता है उस बरतन के भीतरी सतह तथा अपने भीतर के प्रत्येक बिंदु पर दाब डालता है | 
  2. द्रव के भीतर किसी बिंदु पर सभी बिदुओं पर द्रव को दाब साभी दिशाओं में समान होता है | 
  3. द्रव के भीतर किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के मुक्त सतह से उस बिंदु को गहराई के समनुपाती होता है | 
  4. द्रव में किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व के समानुपाती होता है |  

द्रव में दाब का संचरण – बंद द्रव के किसी भाग पर दाब डाला जाए तो उसका संचरण सभी दिशाओं में जाता है, जिसे द्रवों में दाब का संचरण कहते है |  

पास्कल का नियम – बंद द्रव के किसी भाग पर डाला गया दाब सभी दिशाओं में समान रूप से सचारित होता है |  

उत्प्लावकता ( Buoyancy )– द्रव में डूबी हुई वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगता है जिसके कारन उसके भार में एक आभासी कमी आ जाती है | इस उपरिमुखी को उस वस्तु पर द्रव की उत्प्लावाकत कहते है और इस बल को उत्प्लावन बल कहते है |

आर्किमीडीज का  सिद्धांत – जब कोई वास्तु की द्रव या गैस में पूर्णत : या अंशत : डुबाई जाती है , तो उसके भर में आभासी कमी आ जाती है जो वास्तु के डुबे हुए भाग द्वारा हटाए गए द्रव या गैस के भर के बराबर होता है | 

वस्तुओं का प्लवन

  1. किसी द्रव में किसी वस्तु को डूबाने के लिए वास्तु का घनत्व ,द्रव के घनत्व से अधिक होना चाहिए |
  2. द्रव में पूर्णत डूबकर वस्तु के प्लवन करने के लिए वस्तु की घनत्व ,द्रव के घनत्व के बराबर होना चहिए |
  3. द्रव में अंशत: डूबकर वस्तु के प्लवन करने के लिए वस्तु का घनत्व, द्रव के घनत्व से कम होना चाहिए | 

आपेक्षिक घनत्व ( Relative density )– किसी पदार्थ के घनत्व एवं प्रमाणिक पदार्थ के घनत्व के अनुपात को उस पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व कहते है |

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