द्विचर संक्रिया ( Binary Operation ) -यदि किसी समुच्चय के दो अवयवों पर संक्रिया करने से प्राप्त नया अवयव भी उसी समुच्चय का अवयव हो , तो उस संक्रिया को द्विचर या द्विआधारी संक्रिया कहते हैं |
या, किसी अरिक्त समुच्चय A में द्विचर सक्रिया एक फलन है जो A x A के प्रत्येक क्रमित युग्म ( a, b ) को A के अद्वितीय अवयव जिसे संकेत में a b कहते हैं, से संबंद्ध करता है |
इस प्रकार,
फलन
जेसे –
( i ) दो धन पूर्णाकों का योग हमेशा ही एक धन पूर्णांक होता है |
∴ धन पूर्णांकों के समुच्चय Z+ में ‘ योग ‘ की संक्रिया एक द्विचर संक्रिया है |
( ii ) दो प्राकृत संख्याओं का गुणनफल हमेशा ही एक प्राकृत संख्या होता है |
∴ प्राकृत संख्याओं के समुच्चय N मे ‘गुणा’ की संक्रिया एक द्विचर संक्रिया है |
किसी परिमित समुच्चय पर द्विचर संक्रियाओं की संख्या ( Number of Binary Operations on a finite Set ) :
किसी समुच्चय पर द्विचर संक्रिया A x A से A में एक फलन है |
अत: समुच्चय A पर द्विचर संक्रियाओं की संख्या = A x A से A में फलनों की संख्या
= [ n ( A ) ] n ( A x A )
=
Example :
माना A = { 4,5 } ⇒ n ( A ) = 2
∴समुच्चय A पर द्विचर संक्रियाओं की संख्या =
द्विचर संक्रियाओं के प्रकार ( Types of binary operation ):
(i) क्रमविनिमय द्विचर संक्रिया ( Commutative binary operation ) : किसी समुच्चय A में एक द्विचर संक्रिया
a
Example : साबित करें – Z पर, a
क्रमविनियम : a
L. H. S.
a
R. H. S.
b
= ab + 1 [ पूर्णाकों के लिए ab = ba क्रमविनियम से ]
∴ a
अत: संक्रिया
( ii ) साहचर्य द्विचर संक्रिया ( Associative binary operation ) : किसी समुच्चय A में द्विचर संक्रिया ‘
( a
Example : साबित करें – Z पर, a
साहचर्य ( a