नियंत्रण और समन्वय ( Control and Co-ordination )- Bihar Board Class 10th Science Subjective Question-answer 2023

                                                                                                                                                     लघु उत्तरीय प्रश्न 

  1. पिट्यूटरी ग्रंथि को ‘मास्टर ग्रंथि’ क्यों कहा जाता है ? 

उत्तर – पिट्यूटरी ग्रंथि अपने अलावा कई अन्य महत्त्वपूर्ण अंतः स्त्रावी के समय एवं मात्रा का नियंत्रण करती है, इसलिए इस ग्रंथि को ‘मास्टर ग्रंथि’ कहते हैं | 

       2. पादप में रासायनिक समन्वय किस प्रकार होता है ? 

उत्तर – उच्चवर्गीय पादप अपनी विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा कुछ विशेष प्रकार के जटिल कार्बनिक यौगिकों का स्त्राव करते हैं | ये पौधों में वृद्धि का नियमन करते हैं | कुछ पादप-हॉर्मोन पादप-वृद्धि-दर को प्रेरित करते हैं, जबकि अन्य कम कर देते हैं | 

       3. पादप हॉर्मोन क्या है ? 

उत्तर – वे रासायनिक पदार्थ जो पौधों में अल्प मात्रा में उत्पन्न होकर उनमें नियंत्रण और समन्वय का कार्य संपादित करते हैं, पादप हार्मोन कहलाते हैं | 

     4. जिबरेलिंस की मुख्य उपयोगिता क्या है ? 

उत्तर – जिबरेलिंस का मुख्य हॉर्मोन जिबरेलिक अम्ल है, जो जटिल कार्बनिक यौगिक है | कोशिका विभाजन एवं कोशिका-दिर्घन द्वारा ये पौधे के स्तंभ की लम्बाई में वृद्धि करते हैं | इनके उपयोग से वृहत आकार के फलों एवं फूलों का उत्पादन किया जाता है | बीजरहित फलों के उत्पादन में ये ऑक्जिक  की तरह सहायक होते हैं | 

5. ऑक्जिक  की उत्पत्ति कहाँ होती है ? 

उत्तर – ऑक्जिक पादप हार्मोन है | यह पौधे के स्तंभ शीर्ष पर मुख्य रूप से संश्लेषित होने वाला कार्बनिक यौगिक है | जब पौधे पर प्रकाश पड़ता है तो ऑक्जिक प्ररोह के छाया वाले भाग की ओर विसरित हो जाता है | यह पौधे की तने की वृद्धि में सहायक होता है | 

6. वृद्धि-नियंत्रण पदार्थ से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर – वैसे पदार्थ जो सजीवों के सामान्य वृद्धि की क्रिया को प्रभावित करता है | इस पदार्थ के इस्तेमाल से पौधे एवं जन्तुओं में सामान्य रूप से होने वाली वृद्धि रुक जायेगी ? 

7. साइटोकाइनिन की कोशिका-विभाजन में क्या उपयोगिता है ? 

उत्तर – साइटोकाइनिन एक कार्बनिक पदार्थ है जो बीजों के भ्रूण पोष एवं पौधों की जड़ों में संश्लेषित होते हैं | यह कोशिका द्रव्य के विभाजन में मुख्य भूमिका अदा करता है | साइटोकाइनिन जीर्णता को रोकते हैं एवं पर्णहरित को काफी समय तक नष्ट नहीं होने देता है | इससे पत्तियाँ अधिक समय तक हरी एवं ताजी रहती हैं | इससे पौधे की कोशिका में ताजगी वर्त्तमान रहती है जिससे कोशिका का विभाजन आसानी से होता है | 

8. छुई-मुई की पत्तियाँ किस गति को दर्शाता है ? हमारी टाँगों की गति से यह कैसे भिन्न है ? 

उत्तर – पौधे में केवल रासायनिक नियंत्रण होता है | छुई-मुई की पत्तियाँ को छूने से उसमें उद्दीपन की क्रिया होती है | यह पौधे उद्दीपन के खिलाफ तुरंत अनुक्रिया करता है और शीघ्रता से मुड़कर बंद हो जाता है | इस प्रकार की गति का पौधे की वृद्धि से कोई संबंध नहीं है | जब छुई-मुई पत्तियों को छूते हैं तब स्पर्श की अनुक्रिया से पत्तियाँ जल की मात्रा में त्वरित परिवर्तन करती हैं जिससे ये अपनी आकृति बदल कर नीचे झुक जाती हैं | चूँकि पौधे में केवल रासायनिक नियंत्रण होता है | इसके विपरीत मानव में जटिल पेशीय और तंत्रिका नियंत्रण होता है | इसलिए हमारी टाँगों का नियंत्रण तंत्रिका द्वारा होता है जो उसकी गति से काफी भिन्न है |    

9. प्रतिवर्ती क्रिया किसे कहते हैं ? किसी प्रतिवर्ती क्रिया के विभिन्न चरणों का वर्णन करें | 

उत्तर – किसी दृश्य, अदृश्य बाहरी अथवा भीतरी उद्दीपन के प्रभाव में होनेवाली अनैच्छिक क्रियाएँ जिनका संचालन एवं समन्वयन मेरुरज्जु की तंत्रिकाओं द्वारा होती है प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं | 

       प्रतिवर्ती क्रिया में ग्राही अंग उद्दीपन को ग्रहण करता है जो आवेग को तंत्रिका से मेरुरज्जु तक पहुँचाता है | 

      तंत्रिका तंत्र पार करके आवेग प्रेरक मार्ग से होता हुआ अभिवाही अंग की पेशी में पहुँचाता है जिससे वह संकुचित हो जाती है | इस प्रक्रम में शून्य समय लगता है | 

10. जन्तुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ? 

उत्तर – जंतुओं में रासायनिक समन्वय कुछ रासायनिक पदार्थ जिसे हॉर्मोन कहते हैं, के द्वारा होता है | ये अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं | स्रावित होने वाले हॉर्मोन का समय और मात्रा का नियंत्रण पुनर्भरण क्रिया विधि से किया जाता है | 

11. आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है ? 

उत्तर – आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि आयोडीन, अवटु ग्रंथि जो कर्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन के उपापचय हेतु थायरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित करती है, के लिए आवश्यक है | यह हॉर्मोन संतुलित वृद्धि व विकास के लिए उत्तरदायी है | आयोडीन की कमी से घेघा रोग हो जाता है | 

12. मधुमेह के कुछ रोगियों की चिकित्सा इंसुलिन का इंजेक्शन देकर क्यों की जाती है ? 

उत्तर – इंसुलिन हॉर्मोन रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है | मधुमेह के रोगी में अग्न्याशय ग्रंथि के अल्प सक्रियता के कारण यह हॉर्मोन कम मात्रा में स्रावित होता है जिससे रक्त शर्करा बढ़ जाती है | इसके शरीर पर घातक परिणाम होते हैं | इसलिए का इंजेक्शन देकर रोगी की रक्त शर्करा को नियमित किया जाता है | 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  

1. न्यूरॉन क्या है ? स्पष्ट आरेखी चित्र द्वारा एक सामान्य न्यूरॉन के विभिन्न रचनात्मक भागों का नामांकन करें ( वर्णन की आवश्यकता नहीं ) | 

उत्तर – न्यूरॉन-तंत्रिकीय तंत्र ( nervous system ) की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई को न्यूरॉन / तंत्रिक कोशिका ( neuron/nerve cell ) कहते हैं | 

2. ऑक्सिन और जिबरेलिन में अंतर लिखें |

उत्तर – ऑक्सिन और जिबरेलिन में अंतर निम्नलिखित हैं – 

ऑक्सिन ( Auxins )   जिबरेलिन ( Gibberelins )   
i. ये पादप हार्मोन हैं जो पौधे कर तने की वृद्धि को प्रेरित करते हैं  i. ये भी पादप हार्मोन हैं जो बौने पौधों के पर्वो को लम्बा होने में सहायक होते हैं |
ii. ये पुष्पों के बनने, पत्तियों के गिरने और बीजों के अंकुरण को प्रभावित करते हैं | ii. ये बीजों की सुषुप्त अवस्था को तोड़ते हैं | ये फूलों के खिलते और बीज के अंकुरण को भी प्रभावित करते हैं | 

 

 

 

 

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