जब हम किसी वस्तु को ठेलते है या खिचते है तो कहते है कि वस्तु पर हमने बल लगाया |
बल या बलों का समूह किसी वस्तु पर लगकर तीन कार्य कर सकता है –
- बल या बलों का समूह किसी वस्तु की चाल में परिवर्तन ला सकता है |
- बल या बलों का समूह किसी वस्तु की गति की दिशा में परिवर्तन ला सकता है
- बलों का समूह किसी वस्तु की आकृति बदल सकता है |
नोट – बल एक सदिश राशि है इसका परिणाम और दिशा दोनों होता है |
संतुलन बल ( Balanced force )– यदि बलों का समूह किसी वस्तु पर लगकर उसमें त्वरण उत्पन्न नही करना है, तो बलों को संतुलन बल कहते है |
असंतुलित बल ( Unbalanced force )– यदि बलों का समूह किसी वस्तु पर लगकर उसमें अशून्य त्वरण उत्पन्न करता है, तो बलों का असंतुलित बल कहते है |
बल के प्रकार (Types of force )-
1. स्पर्श बल (Contact force )
2. दूरी-पर-किया बल या अस्पर्श बल (Action-at-distance force or non-contact force )
- स्पर्श बल ( contact force )– ऐसे बल जो वस्तुओं के भौतिक स्पर्श से आरोपित होते है, स्पर्श बल कहे जाते है |
स्पर्श बल के प्रकार –
- अभिलम्ब बल ( Normal force )– जब स्पर्श बल वस्तुओं के संपर्क की सतहों के लम्बवत लगते हो, तो उन्हें अभिलम्ब बल कहते है | जैसे -टेबल पर रखी पुस्तक द्वारा लगा बल |
- तनाव बल ( Tension force )– जब किसी वस्तु को एक डोरें से बाँधकर खिचते है, तो द्वारा लगा बल तनाव बल कहलाता है |
- घर्षण बल ( Frictional force )– जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु के सतह पर सरकती है या चलने की चेष्टा करती है, तो सतहों के बीच लगा बल घर्षण बल कहलाता है | जैसे – मेज पर रखी पुस्तक को ठेलने से मेज तथा पुस्तक के सतहों के बीच उत्पन्न बल |
दूरी -पर -क्रिया बल या अस्पर्श बल – ऐसे बल जो वस्तुओं के भौतिक स्पर्श के बिना आर;आरोपित होते है, दूरी – पर – क्रिया बल कहलाते हैं |
दूरी-पर-क्रिया बल के प्रकार –
- गुरुत्व बल ( Gravitational force )– पृथ्वी वस्तुओं को जिस बल से अपनी ओर खिचती है, उसे गुरुत्व बल कहते हैं |
- चुम्बकीय बल ( Magnetic force )– चुंबक द्वारा उत्पन्न बल जिससे वह लोहे की बनी वस्तु को अपनी ओर खिचता है , चुम्बकीय बल कहलाता है |
न्यूटन का प्रथम गति नियम ( First law of motion )– प्रत्येक वस्तु अपनी विराम अवस्था अथवा सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था बनाए रखती है जबतक की उस वस्तु पर कोई बाहरी असंतुलित बल कार्य न करे |
जड़त्व ( Inertia ) – जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जिसके कारण वह अपनी विरामावस्था अथवा एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में परिवर्तन का विरोध करती है |
जड़त्व दो प्रकार के होते हैं –
- विराम का जड़त्व – इसके कारण वस्तु की विरामावस्था में ही रहने की प्रवृति होती है |
जैसे – ( i ) बस या ट्रेन के अचानक चलने से उसमे खड़ा यात्री पीछे की ओर गिर जाता है | ( ii ) पेड़ की शाखा को जोर से हिलाने पर फलों और पत्तियों का झरना |
2. गति का जड़त्व – इसके कारण वस्तु एक सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में अपनी गति की अवस्था को बनाए रखने की प्रवृति होती है |
जैसे – ( i ) बस या ट्रेन के अचानक रुकने से उसमें खड़ा यात्री आगे की ओर झुक जाता है | ( ii ) दौड़ता हुआ व्यक्ति अचानक रुक नही सकता है |
संवेग ( Momentum ) – किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा वेग के गुणनफल को उसका संवेग कहते हैं |+
नोट – संवेग किसी वस्तु की विराम या गति की अवस्था में परिवर्तन लाने वाला आवश्यक बल होता है |
न्यूटन का द्वितीय गति नियम ( Second law of motion )– किसी वस्तु की संवेग में परिवर्तन को दर उस वस्तु पर लगे बल के समानुपाती होता हैऔर यह परिवर्तन उस बल की दिशा में ही होता है |
न्यूटन का तृतीय गति नियम ( Third law of motion )– दो वस्तुओं के अन्योन्य क्रिया में पहली वातु द्वारा दूसरी वस्तु पर लगाया गया बल , दूसरी वस्तु द्वारा पहली वस्तु पर लगाए गए बल के बराबर और विपरीत दिशा में होता है या , प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है | जैसे – ( i ) नाव से किनारे पर कूदने से नाव का पीछे जाना | (ii ) बंदूक से गोली के निकलने पर बंदूक का पीछे की ओर झटका देना |
संवेग का संरक्षण (Conservation of momentum )– न्यूटन के द्वितीय नियम से यह ज्ञात होता है कि यदि वस्तु पर कोई बल आरोपित न हो तो संवेग में कोई परिवर्तन नहीं आता है अर्थात , संवेग संरक्षित रहता है |
वस्तुओं के निकाय पर , यदि कोई बाह्य बल आरोपित न हो तो संयुक्त निकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है |
Sir thora sa jayada Dal dijea GA sir
Sir,class9th ke social science ka notes digiye please 🙏..sir