शहरीकरण एवं शहरी जीवन – Bihar Board Class 10th Social Science Subjective Question-answer 2022

लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण एवं नगरीय व्यवस्था के दो मुख्य आधार अथवा भिन्नताएँ क्या हैं ? 

उत्तर – (i) जनसंख्या का घनत्व एवं (ii) कृषि-आधारित आर्थिक क्रियाकलापों का अनुपात 

2. शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ? 

उत्तर – शहरीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा ग्रामीण बस्तियाँ कसबों या शहरों में बदल जाती हैं | इससे एक नई अर्थव्यवस्था उत्पन्न हुई जिसमें कृषि-पशुपालन का स्थान व्यापार, शिल्प और उद्योग-धंधो ने ले लिया | 

3. यूरोपीय इतिहास में ‘घेटो’ का क्या अर्थ है ? 

उत्तर – ‘घेटो’ शब्द का व्यवहार मध्यकालीन यूरोप में यहूदी बस्तियों के लिए किया गया | वर्तमान समय में यह विशिष्ट धर्म, नृजाति, जाति अथवा समान पहचानवाले लोगों के एक साथ रहने को इंगित करता है | यह सामुदायिक आवास का परिचयक है | 

4. शहरों में श्रमिक वर्ग का आगमन किन परिस्थितियों में हुआ ? 

उत्तर – 18वीं शताब्दी में इंगलैंड में बाड़ाबंदी कानून पारित हुआ | इससे छोटे किसान अपनी जमीन खो बैठे | उनके सामने आजीविका का प्रश्न उठ खड़ा हुआ | फलत: वे शहरों की ओर बढे जहाँ औद्योगिकीकरण और कराखानेदारी प्रथा के विकास से उन्हें रोजगार के नए अवसर मिले | फलत: ,  बड़ी संख्या में श्रमिक शहरों की ओर पलायन कर गए |  

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

  1. शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए ? अथवा, शहरीकरण के कारण हुए सामाजिक परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए | 

उत्तर – शहरीकरण के कारण परंपरागत मान्यताएँ बदलने लगीं तथा नई विचारधारा उभरकर सामने आई | सामने आई | शहरीकरण के सामाजिक जीवन पर अनेक प्रभाव पड़े | 

  1. शहरीकरण ने ‘सामूहिक पहचान’ के सिद्धांत को बढ़ावा दिया | 
  2. शहरीकरण के कारण शहरों में नए सामाजिक-व्यवसायिक समूह बने, जैसे – बुद्धिजीवी, नौकरीपेशा, माध्यम वर्ग, राजनीतिज्ञ इत्यादि | 
  3. शहरीकरण के कारण समाज में पूँजीपति और श्रमिक वर्गों का उदय हुआ | 
  4. पारिवारिक व्यवस्था कमजोर पड़ गई | परिवार में पहले जो अपनापन की भावना थी वह कमजोर पड़ने लगी | 
  5. सामुदायिक मूल्यों और मान्यताओं के स्थान पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता, अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया |  

2. पाटलिपुत्र ( पटना ) के इतिहास का संक्षिप्त विवरण दीजिए | 

उत्तर – पाँचवीं शताब्दी ई. पू. में मगध साम्राज्य की राजधानी राजगृह से स्थानांतरित कर पाटलिपुत्र में बनाई गई | नंदों और मौर्यों के शासनकाल में इस नगर का चतुर्दिक विकास हुआ | यूनानी राजदूत मेगास्थनीज ने इस नगर की यात्रा फाहियान और हेन्नासंग भी यहाँ आए | गुप्तकाल तक पाटलिपुत्र शिल्प, व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा | 

      गुप्तोत्तर काल में पाटलिपुत्र नगर का पतन हुआ | 1541 में शेरशाह ने गंगा-गंडक के संगम पर एक किला का निर्माण करवाया | इस समय से पाटलिपुत्र पटना के रूप में विख्यात हुआ | 17वीं शताब्दी के आरंभ में पटना अजीमाबाद के नाम से जाना गया | इसी समय यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का नगर में आगमन हुआ | सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह की जन्मस्थली होने के कारण सिख धर्मावलंबियों के लिए नगर तीर्थस्थल बन गया | 

    आधुनिक पटना का निर्माण नगर के पश्चिमी भाग में अँगरेजों ने करवाया | 

 

 

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