अनुक्रम ( Sequence ) – अनुक्रम संख्याओं का एक क्रम है जो किसी निश्चित नियम के अनुसार लिखे गये हैं |जैसे -(i) 2, 4,6,8,…………., (ii)1,4,9,16,25,………….
श्रेढ़ी ( Progression )– यदि अनुक्रम के पदों को कुछ विशेष प्रतिबंधों के अधीन लिखा जाए तो उसे श्रेढ़ी कहते हैं | जैसे – (i)2, 4,6,8,…………., (ii)3.9,27,81,……….
श्रेढ़ी के प्रकार ( Types of progression )-
- समांतर श्रेढ़ी ( Arithmetic progression, A.P. )– समांतर श्रेढ़ी वह श्रेढ़ी है जिसमें प्रत्येक पद पहले पद में कोई निश्चित राशि जोड़ने या घटाने से प्राप्त होती है | निश्चित राशि को समांतर श्रेढ़ी का सार्वअंतर या पदान्तर ( Common difference ) कहते हैं | सार्वअंतर को d से सूचित किया जाता है | या संख्याओं के एक अनुक्रम जिसमे किसी पद और उसके पूर्व पद का अंतर सदैव नियत हो | नियत संख्या को सार्वअंतर या पदान्तर ( Common difference ) कहते हैं | सार्वअंतर को d से सूचित किया जाता है | जैसे – (i)2, 4,6,8,…………., (ii) 5,12,19,26,……………..
- गुणोत्तर श्रेढ़ी ( Geometric progression, G.P. )– गुणोत्तर श्रेढ़ी वह श्रेढ़ी है जिसमें प्रत्येक पद तथा उसके ठीक पहले वाले पद का अनुपात सदैव समान होता है | समान राशि को गुणोत्तर श्रेढ़ी का सार्व अनुपात ( Common ratio ) कहते हैं | सार्व अनुपात को r से सूचित किया जाता है | जैसे -(i)3.9,27,81,………., (ii)2,4,8,16,………….
- हरात्मक श्रेढ़ी ( Harmonic progression, H.P. )– हरात्मक श्रेढ़ी वह श्रेढ़ी है जिसके पदों का व्युत्क्रम समांतर श्रेढ़ी होता है | जैसे –
समांतर श्रेढ़ी का nवां पद ( nth term of A.P. )– माना किसी A.P. का पहला पद a और सार्वअंतर d है तो
किसी A.P. का अंतिम से rवां पद -यदि किसी A.P. का प्रथम पद a , सार्वअंतर d और पदों को संख्या n है तो
A.P. के पद –
- A.P. के तीन लगातार पद = a-d , a, a+d
- A.P.के तीन लगातार पद = a-3d , a-d , a+d , a+ 3d
- A.P. के तीन लगातार पद= a- 2d , a- d , a , a+ d , a+ 2d
समांतर श्रेढ़ी के गुण ( Properties of arithmetic progression )-
- यदि किसी समांतर श्रेढ़ी के प्रत्येक पद में कोई संख्या जोड़ी या घटाई जाए , तो प्राप्त श्रेढ़ी भी समान्तर श्रेढ़ी होगी |
2. यदि दो समान्तर श्रेढ़ी के संगत पदों को जोड़ा या घटाया जाए , तो प्राप्त श्रेढ़ी भी समांतर श्रेढ़ी होगा |
3. यदि किसी समांतर श्रेढ़ी के प्रत्येक पद में किसी संख्या गुणा या भाग किया जाए , तो प्राप्त श्रेढ़ी भी समान्तर श्रेढ़ी होगी |
किसी समांतर श्रेढ़ी के n पदों का योगफल ( The Sum of n terms of A.P. )– यदि किसी A.P. का प्रथम पद a , सार्वअंतर d है | माना इसके n पदों का योगफल है |
किसी A.P. के n पदों के योग से n वां पद ज्ञात करना –
Sir Kiya 9 Ka biology Ka pahala part Dal dijea
Sir 9 Ka mathematics nahi daliega kiya
Sir es trh ke behtar kary ke liye bahut bahut danyabad sir
Sir 10 class chemistry ka aage ka chapter dal dijiye please hm aapke channel se class kr rhe hai sir
sir exma me puchne wala q dijiye
dal chuka hai