समुच्चय (Sets)- Class 11th Maths in Hindi Notes

समुच्चय (Sets) : सुपरिभाषित वस्तुओं के संग्रह को समुच्चय कहते हैं | संग्रह के वस्तुओं को समुच्चय का अवयव या तत्व (element) या सदस्य (member) कहते हैं | समुच्चय को अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षरों (A, B, C, D…….) से सूचित किया जाता है |

निम्नलिखित में (i), (iii) और (v) समुच्चय में है –

  1. सभी पूर्णांकों का समूह |
  2. सुन्दर लड़कियों का समूह |
  3. सभी प्राकृत संख्याओं का समूह |
  4. मोटी लड़किओं का समूह |
  5. किसी खास विद्यालय के क्लास 11वीं के सभी छात्रों का समूह |

कुछ विशेष समुच्चयों  के लिए मानक संकेत :

N : प्राकृत संख्याओं का समुच्चय

Z या I : पूर्णांकों का समुच्चय

Z+ या I+ : धनात्मक पूर्णांकों का समुच्चय

Z या I : ऋणात्मक पूर्णांकों का समुच्चय

Q : परिमेय संख्याओं का समुच्चय

Q : ऋणात्मक परिमेय संख्याओं का समुच्चय

R : वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

R+ : धनात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

R : ऋणात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

E : सम संख्याओं का समूह

O : विषम संख्याओं का समूह

R-Q : अपरिमेय संख्याओं का समुच्चय

संकेत ∈ और ∉ का अर्थ : कोई तत्व किसी समुच्चय का सदस्य है इस बात को बताने के लिए संकेत ∈ का प्रयोग किया जाता है | कोई तत्व किसी समुच्चय का सदस्य नहीं है इस बात को बताने के लिए संकेत ∉ का प्रयोग किया जाता है |

जैसे :  A = {1, 2, 3, 4}

4 ∈ A ⇒ 4 समुच्चय A का सदस्य है | (4 belongs to A)

5 ∉ A  ⇒ 5 समुच्चय A का सदस्य नहीं है | (5 not belongs to A)

समुच्चय को निरुपित करने की विधियाँ (Methods of representing a set) : किसी समुच्चय के निरूपण की दो विधियाँ है –

  1. सारणी या तालिका रूप (Tabular form or roster form) : इस रूप में समुच्चय के सभी अवयवों को मंझोले कोष्ठक {} के अन्दर एक-एक कर कोमा देकर लिखा जाता है | जैसे : A = {1, 2, 3, 4, 5}   , B= {a, e, i, o, u}
  2. प्रतीकात्मक या गुण प्रकटीकरण रूप या समुच्चय निर्माण रूप (Symbolic or Rule form or Set builder form) : इस रूप में सदस्यों के बारे में एक साधारण गुण जो प्रत्येक सदस्य द्वारा संतुष्ट होता है बताकर सदस्यों को व्यक्त किया जाता है |

जैसे : A = {x: x∈N, 1≤ x ≤ 5} = {x: x∈N, 1≤ x < 6} , B= {x: x एक अंग्रेजी वर्णमाला का स्वर है}

परिमित एवं अपरिमित समुच्चय (Finite or Infinite Sets) : यदि समुच्चय के अवयवों की गिनती की जा सके तो उसे परिमित समुच्चय कहते है अन्यथा उसे अपरिमित समुच्चय कहते है | अवयवों की संख्या को समुच्चय का Cardinal number कहते हैं |   

परिमित समुच्चय , B= {a, e, i, o, u} ⇒  Cardinal Number , n(B) = 5

अपरिमित समुच्चय, A = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7………………………………..}

संकेत ⇒ और ⇔ का अर्थ : 

⇒ : को इंगित करता है (implies by)

a ⇒ b को पढ़ते है ” a को इंगित करता है b को ”

⇔ : इंगित करता है और इंगित किया जाता है (implies and implied by)

a ⇔ b को पढ़ते है ” a इंगित करता है और इंगित किया जाता है b को ”

समुच्चयों के प्रकार (Types of Sets) :

  1. रिक्त समुच्चय (Empty or Null Sets) : जिस समुच्चय में एक भी अवयव नहीं हो उसे रिक्त समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {x: x एक दो से विभाज्य एक विषम संख्या है } = { } या φ
  2.  एकल समुच्चय (Singleton Set) : जिस समुच्चय में एक ही अवयव हो उसे एकल समुच्चय कहते हैं | जैसे : A= {5}
  3. युग्म समुच्चय (Pair Set) : जिस समुच्चय में दो अवयव हो उसे युग्म समुच्चय कहते हैं | जैसे : B= {1, 2}
  4. समतुल्य समुच्चय (Equivalent Sets) : यदि दो समुच्चयों के अवयवों की संख्या बराबर हो तो उसे समतुल्य समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {1,2, 3, 4} , B= {a, b , c, d} ⇒ n(A)= n(B) : अतः समुच्चय A और B समतुल्य है |
  5. बराबर समुच्चय (Equal Sets):  यदि को समुच्चयों में हूबहू अवयव हो तो उसे बराबर समुच्चय कहते हैं  | जैसे : A = {1,2, 3, 4} , B= {2, 1 , 4, 3}  ⇒ A= B
  6. समुच्चयों का समुच्चय (Set of sets) : यदि किसी समुच्चय का प्रत्येक अवयव भी एक समुच्चय हो तो उसे समुच्चयों का समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {{1, 2}, {2, 3, 4}, {1, 2, 4 , 7 ,8}}

उपसमुच्चय (Subsets) : यदि A और B इस प्रकार के दो समुच्चय हों कि A का प्रत्येक अवयव B में भी हो. तो समुच्चय A को समुच्चय B का उपसमुच्चय कहते हैं तथा इसे  A⊆B लिखते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ A⊆B. और A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4} ⇒ A⊆B

उपसमुच्चयों के गुण (Properties of Sets) : 

  1. प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय होता है |
  2. रिक्त समुच्चय प्रत्येक समुच्चय का उपसमुच्चय होता है |
  3. A⊆ B और B⊆ A ⇔ A= B (यदि  A⊆ B और B⊆ A हो तो A और B बराबर समुच्चय कहलाते हैं )
  4. A⊆ B, B⊆ C ⇒ A⇒ C

उचित उपसमुच्चय (Proper Subsets) : यदि A और B इस प्रकार के दो समुच्चय हों कि A का प्रत्येक अवयव B में हो लेकिन B में कम-से-कम एक अवयव ऐसा हो A में न हो . तो समुच्चय A को समुच्चय B का उचित उपसमुच्चय कहते हैं तथा इसे  A⊂B लिखते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ A⊂B.

अधिसमुच्चय (Supersets) : यदि A, B का उपसमुच्चय हो , तो B को A का अधिसमुच्चय कहते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ B ⊇ A.

R के उपसमुच्चयों के रूप में अंतराल (Intervals as Subsets of R) : 

माना a और b कोई दो वास्तविक संख्याएँ हैं और a<b . R के निम्नलिखित चार उपसमुच्चयों को परिभाषित करते हैं जो अंतराल कहलाते हैं |

  1. बंद अंतराल (Closed Interval) : इसे [a, b] से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : [a, b] = {x: x∈ R , a≤ x≤ b } | सरल रेखा पर निरूपण
  2. खुला अंतराल (Open Interval) : इसे (a, b) से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : (a, b) = {x: x∈ R , a< x< b } | सरल रेखा पर निरूपण
  3. खुला-बंद अंतराल (Open-Closed Interval) : इसे (a, b] से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : (a, b] = {x: x∈ R , a< x≤ b } | सरल रेखा पर निरूपण
  4. बंद-खुला अंतराल (Closed-Open Interval) : इसे [a, b) से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : [a, b) = {x: x∈ R , a≤ x< b } | सरल रेखा पर निरूपण 

तुल्यनीय समुच्चय (Comparable Sets) : दो समुच्चय A और B तुल्यनीय कहलाता है यदि या तो A⊂ B या B⊂ A या A= B. यदि न तो A⊂ B या B⊂ A और न A= B हो तो A और B अतुल्यनीय कहलाता है |

घात समुच्चय (Power Set) : A के उपसमुच्चयों के समुच्चय को A का घात समुच्चय कहते हैं | इसे P(A) से सूचित करते हैं | P(A)= {X: X ⊆ A}

  • यदि n(A)= p हो तो A के घात समुच्चय के अवयवों की संख्या 2p होगी |
  • यदि n(A)= p हो तो A के उपसमुच्चयों के अवयवों की संख्या 2p होगी |
  • यदि n(A)= p हो तो A के उचित उपसमुच्चयों के अवयवों की संख्या 2p -1 होगी |

समष्टीय या सार्वत्रिक समुच्चय (Universal Set) : किसी सन्दर्भ में कोई समुच्चय जो सभी उपसमुच्चयों का अधिसमुच्चय है , सार्वत्रिक समुच्चय कहलाता है | इसे S या U या Ω या X से सूचित किया जाता है | जैसे : S= {1, 2, 3, 4………………, 9}, A={1, 2, 3, 4}, B= {3, 4, 5, 6}, C={5, 6, 7, 8}  ⇒ A⊆S, B⊆S, C⊆S

वेन आरेख (Venn Diagram) : इस आरेख में समष्टीय समुच्चय S  को एक आयत द्वारा तथा इसके उपसमुच्च्यों की वृत्त द्वारा और समुच्चयों के अवयवों को बिन्दुओं द्वारा दर्शाया जाता है | 

समुच्चयों पर संक्रियाएँ (Operation on Sets): 

मुच्च दो समुच्चयों पर होने वाली संक्रियाएँ निम्नलिखित हैं –

  1. समुच्चयों का सम्मिलन (Union of Sets) : दो समुच्चयों A और B का सम्मिलन एक समुच्चय है जिसके अवयव वे हैं जो समुच्चय A के या B के या दोनों के अवयव हैं | समुच्चय A और B के सम्मिलन को A∪ B लिखा जाता है |  A∪B ={x: x ∈A या x∈ B}

A= {1, 2, 3} , B= {3, 4, 5, 6} ⇒ A∪ B = {1, 2, 3, 4, 5, 6}

2. समुच्चयों का सर्वनिष्ठ (Intersection of Sets) : दो समुच्चयों A और B का सर्वनिष्ठ एक समुच्चय है जिसके अवयव वे हैं जो समुच्चय A और B दोनों के अवयव हैं | समुच्चय A और B के सर्वनिष्ठ को A∩ B लिखा जाता है |  A∩B ={x: x ∈A और  x∈ B}

A= {1, 2, 3} , B= {3, 4, 5, 6} ⇒ A∩ B = { 3}

3. समुच्चयों का अंतर (Difference of Sets) :दो समुच्चयों A और B के अंतर को A – B द्वारा सूचित किया जाता है , ये उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो A  में है लेकिन B में नहीं | A-B ={x: x ∈A और  x∉ B}

A= {1, 2, 3, 4, 5} , B= {3, 4, 5, 6, 7} ⇒ A- B = { 1, 2}

4. पूरक समुच्चय (Complementary Set) : किसी समुच्चय A का पूरक समुच्चय एक समुच्चय है जिसके अवयव समष्टीय समुच्चय S के वे सभी अवयव है जो A में नहीं हैं | A’ ={x: x ∈S और  x∉ A}

S = {1, 2, 3, 4, ……………….., 9} , A= {1, 2, 3, 4, 5} ⇒ A’ = {6, 7, 8, 9}

5. समुच्चयों का सममित अंतर (Symmetric Difference of Sets) :  समुच्चय A और B का सममित अंतर वह समुच्चय है जिसके अवयव A और B के वे सभी अवयव हैं जो दोनों में उभयनिष्ठ नहीं हैं | AΔ B ={x: x ∉A और  x∉ B}

A= {1, 2, 3, 4, 5} , B= {3, 4, 5, 6, 7} ⇒ AΔ B = { 1, 2, 6, 7}

समुच्चयों के बीजगणितय नियम (Laws of Algebra of Sets) :

  1. वर्गसम नियम (Idempotent Laws) : किसी समुच्चय A के लिए (i) A∩A = A   (ii) A∪A = A
  2. तत्समक नियम (Identity Laws) : किसी समुच्चय A के लिए (i) A∩S = A   (ii) A∪Φ = A
  3. क्रमविनिमेय नियम (Commutative Laws) : किन्हीं दो समुच्चय A और B के लिए,   (i) A ∩ B = B ∩ A   (ii) A ∪ B= B ∪ A
  4. साहचर्य नियम (Associative Laws) : किन्हीं तीन समुच्चयों A, B और C के लिए , (i) A ∩ (B ∩ C ) = (A ∩ B) ∩ C   (ii)A ∪ (B ∪ C ) = (A ∪ B) ∪ C
  5. डिमार्गन नियम (Demorgan’s Laws) : किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (i) (A∪ B)’ = A’ ∩ B’    (ii) (A∩ B)’ = A’ ∪ B’

कुछ अन्य प्रमेय (Some Other Theorems) :

  1. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , A- B = A ∩ B’
  2. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (i) A∪ B = B ⇔ A⊆ B   (ii) A∩ B = A ⇔ A⊆ B
  3. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (A- B) ∪ B = A ∪ B
  4. किन्हीं तीन समुच्चयों A, B और C के लिए , (i) A- (B ∪ C) = (A- B) ∩ (A- C)   (Ii) A- (B ∩ C) = (A- B) ∪(A- C)

समुच्चयों के अवयवों की संख्या पर आधारित कुछ प्रमेय (Some theorems on number of elements of sets ) :

  1. n(A) = n(A- B) + n(A ∩ B)समुच्चय (Sets) : सुपरिभाषित वस्तुओं के संग्रह को समुच्चय कहते हैं | संग्रह के वस्तुओं को समुच्चय का अवयव या तत्व (element) या सदस्य (member) कहते हैं | समुच्चय को अंग्रेजी वर्णमाला के बड़े अक्षरों (A, B, C, D…….) से सूचित किया जाता है |निम्नलिखित में (i), (iii) और (v) समुच्चय में है –
    1. सभी पूर्णांकों का समूह |
    2. सुन्दर लड़कियों का समूह |
    3. सभी प्राकृत संख्याओं का समूह |
    4. मोटी लड़किओं का समूह |
    5. किसी खास विद्यालय के क्लास 11वीं के सभी छात्रों का समूह |

    कुछ विशेष समुच्चयों  के लिए मानक संकेत :

    N : प्राकृत संख्याओं का समुच्चय

    Z या I : पूर्णांकों का समुच्चय

    Z+ या I+ : धनात्मक पूर्णांकों का समुच्चय

    Z या I : ऋणात्मक पूर्णांकों का समुच्चय

    Q : परिमेय संख्याओं का समुच्चय

    Q : ऋणात्मक परिमेय संख्याओं का समुच्चय

    R : वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

    R+ : धनात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

    R : ऋणात्मक वास्तविक संख्याओं का समुच्चय

    E : सम संख्याओं का समूह

    O : विषम संख्याओं का समूह

    R-Q : अपरिमेय संख्याओं का समुच्चय

    संकेत ∈ और ∉ का अर्थ : कोई तत्व किसी समुच्चय का सदस्य है इस बात को बताने के लिए संकेत ∈ का प्रयोग किया जाता है | कोई तत्व किसी समुच्चय का सदस्य नहीं है इस बात को बताने के लिए संकेत ∉ का प्रयोग किया जाता है |

    जैसे :  A = {1, 2, 3, 4}

    4 ∈ A ⇒ 4 समुच्चय A का सदस्य है | (4 belongs to A)

    5 ∉ A  ⇒ 5 समुच्चय A का सदस्य नहीं है | (5 not belongs to A)

    समुच्चय को निरुपित करने की विधियाँ (Methods of representing a set) : किसी समुच्चय के निरूपण की दो विधियाँ है –

    1. सारणी या तालिका रूप (Tabular form or roster form) : इस रूप में समुच्चय के सभी अवयवों को मंझोले कोष्ठक {} के अन्दर एक-एक कर कोमा देकर लिखा जाता है | जैसे : A = {1, 2, 3, 4, 5}   , B= {a, e, i, o, u}
    2. प्रतीकात्मक या गुण प्रकटीकरण रूप या समुच्चय निर्माण रूप (Symbolic or Rule form or Set builder form) : इस रूप में सदस्यों के बारे में एक साधारण गुण जो प्रत्येक सदस्य द्वारा संतुष्ट होता है बताकर सदस्यों को व्यक्त किया जाता है |

    जैसे : A = {x: x∈N, 1≤ x ≤ 5} = {x: x∈N, 1≤ x < 6} , B= {x: x एक अंग्रेजी वर्णमाला का स्वर है}

    परिमित एवं अपरिमित समुच्चय (Finite or Infinite Sets) : यदि समुच्चय के अवयवों की गिनती की जा सके तो उसे परिमित समुच्चय कहते है अन्यथा उसे अपरिमित समुच्चय कहते है | अवयवों की संख्या को समुच्चय का Cardinal number कहते हैं |   

    परिमित समुच्चय , B= {a, e, i, o, u} ⇒  Cardinal Number , n(B) = 5

    अपरिमित समुच्चय, A = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7………………………………..}

    संकेत ⇒ और ⇔ का अर्थ : 

    ⇒ : को इंगित करता है (implies by)

    a ⇒ b को पढ़ते है ” a को इंगित करता है b को ”

    ⇔ : इंगित करता है और इंगित किया जाता है (implies and implied by)

    a ⇔ b को पढ़ते है ” a इंगित करता है और इंगित किया जाता है b को ”

    समुच्चयों के प्रकार (Types of Sets) :

    1. रिक्त समुच्चय (Empty or Null Sets) : जिस समुच्चय में एक भी अवयव नहीं हो उसे रिक्त समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {x: x एक दो से विभाज्य एक विषम संख्या है } = { } या φ
    2.  एकल समुच्चय (Singleton Set) : जिस समुच्चय में एक ही अवयव हो उसे एकल समुच्चय कहते हैं | जैसे : A= {5}
    3. युग्म समुच्चय (Pair Set) : जिस समुच्चय में दो अवयव हो उसे युग्म समुच्चय कहते हैं | जैसे : B= {1, 2}
    4. समतुल्य समुच्चय (Equivalent Sets) : यदि दो समुच्चयों के अवयवों की संख्या बराबर हो तो उसे समतुल्य समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {1,2, 3, 4} , B= {a, b , c, d} ⇒ n(A)= n(B) : अतः समुच्चय A और B समतुल्य है |
    5. बराबर समुच्चय (Equal Sets):  यदि को समुच्चयों में हूबहू अवयव हो तो उसे बराबर समुच्चय कहते हैं  | जैसे : A = {1,2, 3, 4} , B= {2, 1 , 4, 3}  ⇒ A= B
    6. समुच्चयों का समुच्चय (Set of sets) : यदि किसी समुच्चय का प्रत्येक अवयव भी एक समुच्चय हो तो उसे समुच्चयों का समुच्चय कहते हैं | जैसे : A = {{1, 2}, {2, 3, 4}, {1, 2, 4 , 7 ,8}}

    उपसमुच्चय (Subsets) : यदि A और B इस प्रकार के दो समुच्चय हों कि A का प्रत्येक अवयव B में भी हो. तो समुच्चय A को समुच्चय B का उपसमुच्चय कहते हैं तथा इसे  A⊆B लिखते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ A⊆B. और A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4} ⇒ A⊆B

    उपसमुच्चयों के गुण (Properties of Sets) : 

    1. प्रत्येक समुच्चय स्वयं का उपसमुच्चय होता है |
    2. रिक्त समुच्चय प्रत्येक समुच्चय का उपसमुच्चय होता है |
    3. A⊆ B और B⊆ A ⇔ A= B (यदि  A⊆ B और B⊆ A हो तो A और B बराबर समुच्चय कहलाते हैं )
    4. A⊆ B, B⊆ C ⇒ A⇒ C

    उचित उपसमुच्चय (Proper Subsets) : यदि A और B इस प्रकार के दो समुच्चय हों कि A का प्रत्येक अवयव B में हो लेकिन B में कम-से-कम एक अवयव ऐसा हो A में न हो . तो समुच्चय A को समुच्चय B का उचित उपसमुच्चय कहते हैं तथा इसे  A⊂B लिखते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ A⊂B.

    अधिसमुच्चय (Supersets) : यदि A, B का उपसमुच्चय हो , तो B को A का अधिसमुच्चय कहते हैं | जैसे : A= {1, 2, 3, 4} , B= {1, 2, 3, 4, 5, 6} ⇒ B ⊇ A.

    R के उपसमुच्चयों के रूप में अंतराल (Intervals as Subsets of R) : 

    माना a और b कोई दो वास्तविक संख्याएँ हैं और a<b . R के निम्नलिखित चार उपसमुच्चयों को परिभाषित करते हैं जो अंतराल कहलाते हैं |

    1. बंद अंतराल (Closed Interval) : इसे [a, b] से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : [a, b] = {x: x∈ R , a≤ x≤ b } | सरल रेखा पर निरूपण
    2. खुला अंतराल (Open Interval) : इसे (a, b) से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : (a, b) = {x: x∈ R , a< x< b } | सरल रेखा पर निरूपण
    3. खुला-बंद अंतराल (Open-Closed Interval) : इसे (a, b] से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : (a, b] = {x: x∈ R , a< x≤ b } | सरल रेखा पर निरूपण
    4. बंद-खुला अंतराल (Closed-Open Interval) : इसे [a, b) से सूचित किया जाता है और निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है : [a, b) = {x: x∈ R , a≤ x< b } | सरल रेखा पर निरूपण 

    तुल्यनीय समुच्चय (Comparable Sets) : दो समुच्चय A और B तुल्यनीय कहलाता है यदि या तो A⊂ B या B⊂ A या A= B. यदि न तो A⊂ B या B⊂ A और न A= B हो तो A और B अतुल्यनीय कहलाता है |

    घात समुच्चय (Power Set) : A के उपसमुच्चयों के समुच्चय को A का घात समुच्चय कहते हैं | इसे P(A) से सूचित करते हैं | P(A)= {X: X ⊆ A}

    • यदि n(A)= p हो तो A के घात समुच्चय के अवयवों की संख्या 2p होगी |
    • यदि n(A)= p हो तो A के उपसमुच्चयों के अवयवों की संख्या 2p होगी |
    • यदि n(A)= p हो तो A के उचित उपसमुच्चयों के अवयवों की संख्या 2p -1 होगी |

    समष्टीय या सार्वत्रिक समुच्चय (Universal Set) : किसी सन्दर्भ में कोई समुच्चय जो सभी उपसमुच्चयों का अधिसमुच्चय है , सार्वत्रिक समुच्चय कहलाता है | इसे S या U या Ω या X से सूचित किया जाता है | जैसे : S= {1, 2, 3, 4………………, 9}, A={1, 2, 3, 4}, B= {3, 4, 5, 6}, C={5, 6, 7, 8}  ⇒ A⊆S, B⊆S, C⊆S

    वेन आरेख (Venn Diagram) : इस आरेख में समष्टीय समुच्चय S  को एक आयत द्वारा तथा इसके उपसमुच्च्यों की वृत्त द्वारा और समुच्चयों के अवयवों को बिन्दुओं द्वारा दर्शाया जाता है | 

    समुच्चयों पर संक्रियाएँ (Operation on Sets): 

    मुच्च दो समुच्चयों पर होने वाली संक्रियाएँ निम्नलिखित हैं –

    1. समुच्चयों का सम्मिलन (Union of Sets) : दो समुच्चयों A और B का सम्मिलन एक समुच्चय है जिसके अवयव वे हैं जो समुच्चय A के या B के या दोनों के अवयव हैं | समुच्चय A और B के सम्मिलन को A∪ B लिखा जाता है |  A∪B ={x: x ∈A या x∈ B}

    A= {1, 2, 3} , B= {3, 4, 5, 6} ⇒ A∪ B = {1, 2, 3, 4, 5, 6}

    2. समुच्चयों का सर्वनिष्ठ (Intersection of Sets) : दो समुच्चयों A और B का सर्वनिष्ठ एक समुच्चय है जिसके अवयव वे हैं जो समुच्चय A और B दोनों के अवयव हैं | समुच्चय A और B के सर्वनिष्ठ को A∩ B लिखा जाता है |  A∩B ={x: x ∈A और  x∈ B}

    A= {1, 2, 3} , B= {3, 4, 5, 6} ⇒ A∩ B = { 3}

    3. समुच्चयों का अंतर (Difference of Sets) :दो समुच्चयों A और B के अंतर को A – B द्वारा सूचित किया जाता है , ये उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो A  में है लेकिन B में नहीं | A-B ={x: x ∈A और  x∉ B}

    A= {1, 2, 3, 4, 5} , B= {3, 4, 5, 6, 7} ⇒ A- B = { 1, 2}

    4. पूरक समुच्चय (Complementary Set) : किसी समुच्चय A का पूरक समुच्चय एक समुच्चय है जिसके अवयव समष्टीय समुच्चय S के वे सभी अवयव है जो A में नहीं हैं | A’ ={x: x ∈S और  x∉ A}

    S = {1, 2, 3, 4, ……………….., 9} , A= {1, 2, 3, 4, 5} ⇒ A’ = {6, 7, 8, 9}

    5. समुच्चयों का सममित अंतर (Symmetric Difference of Sets) :  समुच्चय A और B का सममित अंतर वह समुच्चय है जिसके अवयव A और B के वे सभी अवयव हैं जो दोनों में उभयनिष्ठ नहीं हैं | AΔ B ={x: x ∉A और  x∉ B}

    A= {1, 2, 3, 4, 5} , B= {3, 4, 5, 6, 7} ⇒ AΔ B = { 1, 2, 6, 7}

    समुच्चयों के बीजगणितय नियम (Laws of Algebra of Sets) :

    1. वर्गसम नियम (Idempotent Laws) : किसी समुच्चय A के लिए (i) A∩A = A   (ii) A∪A = A
    2. तत्समक नियम (Identity Laws) : किसी समुच्चय A के लिए (i) A∩S = A   (ii) A∪Φ = A
    3. क्रमविनिमेय नियम (Commutative Laws) : किन्हीं दो समुच्चय A और B के लिए,   (i) A ∩ B = B ∩ A   (ii) A ∪ B= B ∪ A
    4. साहचर्य नियम (Associative Laws) : किन्हीं तीन समुच्चयों A, B और C के लिए , (i) A ∩ (B ∩ C ) = (A ∩ B) ∩ C   (ii)A ∪ (B ∪ C ) = (A ∪ B) ∪ C
    5. डिमार्गन नियम (Demorgan’s Laws) : किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (i) (A∪ B)’ = A’ ∩ B’    (ii) (A∩ B)’ = A’ ∪ B’

    कुछ अन्य प्रमेय (Some Other Theorems) :

    1. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , A- B = A ∩ B’
    2. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (i) A∪ B = B ⇔ A⊆ B   (ii) A∩ B = A ⇔ A⊆ B
    3. किन्हीं दो समुच्चयों A और B के लिए , (A- B) ∪ B = A ∪ B
    4. किन्हीं तीन समुच्चयों A, B और C के लिए , (i) A- (B ∪ C) = (A- B) ∩ (A- C)   (Ii) A- (B ∩ C) = (A- B) ∪(A- C)

    समुच्चयों के अवयवों की संख्या पर आधारित कुछ प्रमेय (Some theorems on number of elements of sets ) :

    1. n(A) = n(A- B) + n(A ∩ B)
    2. n(B) = n(B- A) + n(A ∩ B)
    3. n(A ∪ B) = n(A) + n(B) – n(A ∩ B)
    4. n(A ∪ B) = n(A) + n(B), जहाँ A और B असंयुक्त समुच्चय है |
    5. n(A ∩ B) = n(A) + n(B) – n(A  ∪ B)
    6. n(A ∪ B) = n(A- B) + n(B- A) + n(A ∩ B)
    7. n(A∪ B)’ = n(A’ ∩ B’) = n(S)- n(A ∪ B)
    8. n(A∩ B)’ = n(A’ ∪ B’) = n(S)- n(A ∩ B)
    9. तीन समुच्चयों A, B और C के लिए , n(A∪ B∪ C) = n(A) +n(B) +n(C) -n(A∩ B)- n(B∩ C) – n(A ∩ C) + n(A ∩ B∩ C)
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